चलो, ख़त्म हुआ यह साल अब,
उफ़्फ़! नही समझना मुझे इसका सबब।
जाए कम्बख़्त, खो जाए,
वक़्त के आग़ोश में,
उठाए अपना सामान यह,
हो नदारद मेरे बेहोश पड़े होश से।
मुझे नहीं सुनने इसके अफ़साने,
न सुनाओ मुझे इसके कारनामे,
जाए बस, जाए यह,
देखना, कहीं पता न छोड़ जाए यह।
चलो, ख़त्म हुआ यह साल अब,
कहा न मैंने,
नहीं समझाओ मुझे इसका सबब।
– शेफ़ाली
I wish you all a very Happy New Year 2021!
आप सबको नया साल मुबारक़!
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ।